व्रत कथा कार्तिक पूर्णिमा की पुजा व कथा kartik-purnima-ke-katha-in-hindi इस दिन महादेव जी ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था। इसलिए इस दिन को त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन शाम के समय भगवान का मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन गंगाजी में या पुष्कर में स्नान करके दीप-दान, यज्ञ, होम आदि करने का विशेष महत्त्व माना गया है। …