व्रत कथा
मल मास हिन्दी में
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मल मास पौष महिने में शुरु हो जाते है। मल एक मास तक चलते है। यह एक ऐसा मास है जिसमें शास्त्रों के अनुसार कोई भी शुभ एवं मंगल कार्य करने की मनाही है। इस मास में शादी-ब्याह, गृहप्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं किया जाता है। मल मास में बड़े बनाने का भी महत्व है। एक दिन तेल से बडे़ बनाकर चील, कुत्तांे को डालना चाहिये।
हो सके तो तेल से बने पकौड़े डाकौत को भी देने चाहिए। उसके बाद बहन बेटी, घर वाले सब मिल बांटकर पकौड़े खा सकते है। मल मास में तेल के पकौड़े चीलों, कुत्तों को डालने का बहुत महत्व है तथा ऐसा करने से बहुत पुण्य प्राप्त होता है। यदि इस मास में कोई व्यक्ति किसी तीर्थ स्थल पर भी जाए तो उसकी यात्रा सफल हो जाती है। mal-maas-in-hindi
पौष मास के रविवार
पौष मास में आने वाले रविवार के व्रत को करने का भी बहुत महत्व है। इन दिनों के रविवार को बिना नमक के करने चाहिए। इस सूरज भगवान की पूजा करनी चाहिए। चन्दन से सूरज भगवान मांडकर, कंुकु, पान, सुपारी, पैसा, फल, आरवा से पूजा करनी चाहिए। फिर कहानी सुनकर व्रत खोलना चाहिए। इस दिन सिर धोकर स्नान नहीं करना चाहिए। तेल नहीं खाना चाहिए। mal-maas-in-hindi