पुदीना के फायदे
पुदीना का उपयोग चटनी के लिए होता हैं। इसमें विटामिन ए की प्रचुर मात्रा होती है। यह दवा भी है ।
पेट दर्द – 10 मिली . पुदीने का रस और दस मिली. अदरक के रस में 3 ग्राम सेंधा नमक मिलाकर दो खुराक दवा तैयार करें और दो-दो घंटे बाद रोगी को दें पेट दर्द फुर्र हो जायेगा।pudina-ke-fayde
एलर्जी – पुदीना में मौजूद आवश्यक तेल कुछ रसायनों को मुक्त करने में मदद करते हैं जो मानव शरीर को एलर्जी से रोकने में मदद करते हैं।
टायफाइड – पुदीना और तुलसी के रस में 5 ग्राम चीनी मिलाकर दिन में तीन बार रोगी को दें। टायफायड बुखार उतर जायेगा।
स्तनपान – पुदीना में गुण होते हैं जो स्तनपान कराने वाली माताओं के फटे हुए निपल्स से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। प्रभावित क्षेत्र में पुदीना का तेल लगाने से दर्द को शांत करने में मदद मिलती है और भोजन के स्थिर प्रवाह में मदद मिलती है।
पाचन – पुदीने मेंं ऐसे गुण होते हैं जो पेट को शांत और साफ करने में मदद करते हैं जो बदले में लार ग्रंथियों को सक्रिय करने में मदद करता है जो पाचन एंजाइम पैदा करता है।
हैजा – पुदीने का रस सेवन करने से उल्टी एवम दस्त बन्द हो जाते हैं। हैजा होने पर पुदीने का शर्बत पियें।
गैस पेट में गैस बनती है तो पुदीना, कालीमिर्च, अदरक, तुलसी का काढा बनाकर पियें।
न्युमोनिया – पुदीने के ताजे रस में शहद मिलाकर रोगी को 2-2 घंटे के पश्चात दें। न्युमोनिया की रोकथाम हो जायेगी।
मितली – ऐसा कहा जाता है कि पेपरमिंट तेल पानी में जोड़ने या कान के पीछे 1-2 बूंदों को रगड़ने से मितली को कम करने में मदद मिलती है।
बुखार – पुदीने और तुलसी का काढा बनाकर रोगी को दो-तीन बार पिलायें। बुखार उतर जायेगा।
अस्थमा – पुदीना में आराम पहुंचाने वाले गुण होते हैं जो दमा से पीड़ित लोगों के लिए काफी उपयोगी हैं। यह नाक की नली में बाधा को खत्म कर मदद करती है, हालांकि, आपको इसे उच्च मात्रा में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह पेट और नाक में जलन पैदा कर सकता है। pudina-ke-fayde