पूजन विधि
puja vidhi at home – kya hai panchopachar puja
किसी भी देवी-देवता की पूजा करने से पहले स्नान आदि करके शु़़द्ध वस्त्र धारण कर आसन पर बैठें। यदि आप कोई व्रत कर रहे हों, तो संकल्प अवश्य लें। आपके सामने आपके इष्टदेव या सभी देव प्रतिमाओं को रखें। इस बात का भी ध्यान रखें कि बैठते समय आपका मुहं पूर्व की ओर हो। बैठने के लिए आसन रखने से पहले उस स्थान को भी शुद्ध कर लें। शुद्धि करते समय चावल, सिन्दूर तथा ऊँ कमलासनाय नमः ऊँ सिद्धासनाय नमः बोलते हुए आसन बिछाएं और दाएं हाथ में जल डालकर कुछ छींटे अपने शरीर पर डालें। यदि घर में मन्दिर हो, तो उसमें प्रवेश करने से पूर्व दरवाजे पर आचमन कर लें और तीन तालियां बजाएं और इसके बाद ही पूजागृह में प्रवेश करें।
पूजन सामग्री
शंख, घंटा, पंचपात्र, आचमनी अर्घ्यपात्र , जलकलश, आशन, दीप पात्र, धूप पात्र, रोली-मोली, चन्दन, घी, चीनी, यज्ञोपवीत, चावल, काजल, श्वेत वस्त्र, लाल वस्त्र, गेहुं, स्वर्ण, दुध, मिठाई, पुष्प, दूर्वा ,पंचपल्लव, तुलसी, बिल्वपत्र, शमीपत्र, शहद, सिन्दुर, अबीर, धुप, सुपारी, सफेदतिल, सप्तधान्य, पीली सरसों, सप्तमृत्तिका, पंचरत्न, कपुर, केसर, लौंग, इलायची, नारियल, पान, फल और कलश। puja-vidhi-at-home
संघ्या के लिए : आसन, माला, गोमुखी, पंचपात्र, जलपात्र, अर्धा, कुशा, पवित्री, चन्दन, पुष्प 2 चम्मच ।
नवरात्रा पूजा : कलश, देवी के वस्त्र, घंटी, तामड़ी, कांसे की कटोरी, धोती, दुपट्टा, अंगोछा, आसन, माला, गोमुखी, लोटा, चम्मच, पंचपात्र, लाल वस्त्र।
वसना पूजन सामग्री : थाली, कटोरे दो, एक लोटा, रोली, घी, चावल, चीनी, रूई, माचिस, एक पाटा, गंगाजल, मिटटी, सवा गज सफेद वस्त्र, एक गज लाल वस्त्र, एक गज गुलाबी रेशमी वस्त्र, दो केले के खम्भ, आम के पत्ते, पंच पल्लव, पुष्प, 5 मालाएं, कमल बिल्वपत्र, दूर्वा, तुलसी, सकोरा (21) कलश (1), दूध, मिष्ठान, दही, सूतली, पंचरत्न, सिन्दूर, केसर, अबीर, कपूर, चन्दन, धुप, अगर, सुपारी, लौंग, इलायची, कमल गट्टा, पीली सरसों, शहद, नारियल, डाभ, पान, फल, जनेऊ, घंटी, बही, दवात-कलम स्याही, पाटा, रेती, सोखता आदि।
जिन्हें वेद मंत्र याद न हों, वे आगम मंत्र बोलें, लेकिन मंत्रों का उच्चारण शुद्ध हो, जो इनका भी उच्चारण शुद्ध न कर सकें, उन्हें नाम मंत्रों से पूजन करना चाहिए। आचमन करने के लिए ऊँ केशवाय नमः। ऊँ नारायणाय नमः। ऊँ माधवाय नमः बोलें। इसके पश्चात दहिने हाथ के अंगुठे के मूलभाग से ऊँ ऋषिकेशाय नमः ऊँ गोविन्दाय नमः कहकर होठों को पोंछकर हाथ धो लें। इसके बाद सर्वप्रथम गणेशजी का स्मरण करते हुए पूजा आरम्भ करें।
सामग्री रखने की विधि : शास्त्रों में सभी प्रकार की पूजा-सामग्री को रखने का एक विधान है। दीपक, जलपात्र, घंटा और धूपबत्ती को बाईं ओर रखें। यदि घृत का दीपक हो, तो दाईं और रखें। जल से भरा शंख भी दाईं ओर ही रखें। केसर, कुमकुम, कपूर या चन्दन आदि अपने सामनें रखें। puja-vidhi-at-home
देव पूजन में सर्वप्रथम वेद मन्त्र, फिर आगम।
मंत्र और अन्त में नाम मंत्रों का उच्चारण करें।