Home Santo Ki Vani स्वामी विवेकानन्द के विचार / swami vivekananda vichar – vivekananda quotes in hindi

स्वामी विवेकानन्द के विचार / swami vivekananda vichar – vivekananda quotes in hindi

8 second read
0
0
739
स्वामी विवेकानन्द के विचार / swami vivekananda vichar – vivekananda quotes in hindi

सन्तो की वाणी

स्वामी विवेकानन्द के विचार

swami vivekananda vichar – vivekananda quotes in hindi

सन्तो की वाणी में आपको भारत के सन्त और महापुरूषों के मुख कही हुवी व लिखे हुवे प्रवचनों की कुछ झलकियां आपके सामने रखेंगे । आप इसे ग्रहण कर आगे भी शेयर करें जिससे आप भी पुण्य के भागीदार बने ।

सफलता

वीरता से आगे बढो। एक दिन या एक साल में सिद्धि की आशा न रखो। उच्चतम आदर्श पर दृढ रहो। swami-vivekananda-vani

डरो मत कितनी बार असफलता मिलेगी, यह न सोचो। चिन्ता न करो। काल अनन्त है।

प्रत्येक सफल मनुष्य के स्वभाव में कहीं न कहीं विशाल सच्चरित्रता और सत्यनिष्ठा छिपी रहती है, और उसीके कारण उसे जीवन में इतनी सफलता मिलती है।
धैर्य के साथ लगे रहो। अब तक हम लोगों ने बड़ा ही अदभुत कार्य किया है। वीरों, बढे़ चलो निश्चित हम अनन्त धैर्य, अनन्त पवित्रता तथा अनन्त अध्यवसाय-सत्कार्य में सफलता के रहस्य हैं।

साहसी होकर काम करो। धीरज और स्थिरता से काम करना-यही एक मार्ग है। आगे बढो़ और याद रखो धीरज, साहस, पवित्रता और अनवरत कर्म… जब तक तुम पवित्र होकर अपने उदेश्य पर डटे रहोगे, तब तक तुम कभी निष्फल नहीं होओगे।

हर एक काम में सफलता प्राप्त करने से पहले सैकड़ो कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जो उद्यम करते रहेंगे, वे आज या कल सफलता को देखेंगे।

आज्ञा-पालन, ध्येय के प्रति अनुराग तथा ध्येय को कार्यरूप में परिणत करने के लिए सदा प्रस्तुत रहना-इन तीनों के रहने पर कोई भी तुम्हें अपने  मार्ग से विचलित नहीं कर  सकता ।
जिस वृक्ष में फल एवं छाया हो, उसी का आश्रय लेना चाहिए । कदाचित फल न भी मिले, फिर भी उसकी छाया से तो कोई भी वंचित नहीं कर सकता। अतः मूल बात यह है कि महान कार्य को इसी भावना से प्रारम्भ करना।

धैर्यहीन व्यक्ति कभी भी सिद्धि नहीं हो सकता।

यह संसार कायरों के लिए नहीं हैं। पलायन की चेष्टा मत करो। सफलता अथवा असफलता की चिन्ता मत करे। पूर्ण निष्काम संकल्प में अपने को लय कर दो और कर्तव्य करते चलो। समझ लो कि सिद्धि पाने के लिए जन्मी बुद्धि अपने आपको दृढसंकल्प में लय करके सतत कर्मरत रहती है।

साहस न छोड़ो, यदि शुद्ध अमृत अप्राप्य हो, तो कोई कारण नहीं कि हम विष खा लें।

मैंने अपने एक विशिष्ट विचार के लिए सारा जीवन उत्सर्ग किया है। भगवान मेरी सहायता करेगा, मैं और किसी की सहायता नहीं चाहता सफलता प्राप्त करने का यही एकमात्र रहस्य हैं। swami-vivekananda-vani

Load More Related Articles
Load More By ebig24blog
Load More In Santo Ki Vani

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

सुविचार / suvichar in hindi image 560 – suprabhat suvichar

सुप्रभात आज का विचार suvichar in hindi image – suprabhat suvichar आज का विचार के इस वैज्ञा…