घरेलु उपाय
भुमि, भवन के वास्तुदोष हेतु सरल उपाय
भाग (3)
bhumi bhawan vastu dosh-bhumi dosh in astrology
वर्तमान समय में प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसका स्वयं का मकान हो, जमीन हो, परन्तु पचास प्रतिशत से अधिक लोग ये सब कुछ होते हुए भी सुखी नहीं हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि कुछ न कुछ कमी है अथवा उन्हे मानसिक शान्ति नहीं मिलती।
अनेक बार बहुत छोटी-छोटी बातें जिन्हें हम नजर अंदाज कर देते हैं, के कारण भी हमारी मानसिक परेशानियाँ समाप्त नहीं होतीं। उन चीजों को ध्यान रखना अनिवार्य है जैसे-
अपने श्यनकक्ष में कोई दर्पण न रखें। यदि दर्पण है तो रात्रि में उस पर कपड़ा डालकर सोएँ। ghar-ka-vastudosh
घर के किसी भी कोने में कबाड़ इक्ट्ठा न होने दें और छत को पूर्णतः साफ रखें। हो सके तो रविवार के दिन सारा कबाड़ बेच दें।
घर में किसी भी स्थान पर मकड़ी का जाला न बने।
घर के प्रत्येक सदस्य को सुर्य को जल चढाना चाहिए।
अपने घर के मुख्य द्वार के ऊपर गणेश जी की मूर्ति सभी लगाते हैं पर साथ ही एक लाल चंदन की हनुमान जी की मूर्ति भी लगाएँ।
शाम के समय जब आरती व दीपक करें तो घंटी भी बजाएँ।
अपने पूजा घर में कोई नग, पत्थर अथवा उतारी हुई अँगुठी न रखें।
इसके अतिरिक्त अन्य उपाय जो आपके भूमि -मकान के लिए लाभदायक हैं निम्न हैं।
मगंल को भूमिपुत्र माना गया है, इसलिए किसी शुक्ल पक्ष के मंगलवार के दिन ताँबे पर बना मंगल मंत्र घर लाएँ और उसे गंगाजल से शुद्ध करके लाल कपडे़ को बिछाकर पूजा घर में रखें और रोज उसके सम्मुख निम्न मंत्र का 108 जाप करें-
ऊँ मंगलो भूमि पुत्रे।।
ऊँ वासुदेवाय नमो नमः
मंगल के देवता हनुमान जी हैं और यदि हनुमान जी को घर में लाना है तो भगवान श्री राम की अथवा राम दरबार की एक तस्वीर लाएँ। आप देखेंगे कि हनुमान जी स्वतः ही तस्वीर के साथ आ जाएँगे। उस तस्वीर को घर की उत्तरी दीवार पर लगाएँ और उसके सम्मुख रोज राम रक्षा स्तोत्र के पाठ करें। बहुत लाभ होगा।
शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन इक्कीस गोमती चक्र लाएँ । उन्हें गंगाजल से धोकर एक साफ लाल कपड़े पर पूजा स्थान में रखें और उसके सम्मुख बैठकर 108 बार ऊँ विष्ण्वै नमः मंत्र का जाप करें और फिर उस कपड़े को गोमती चक्र के साथ मौली से बाँधकर लाल धागे से अपने घर के मुख्य द्वार पर लटका दें घर के सारे कष्ट धीरे-धीरे दूर हो जाएगें और आर्थिक उन्नत्ति प्राप्त होगी।
शाम के समय जब भोजन करें तो दो रोटी अलग से रखें और भोजन के पश्चात एक रोटी में गुड़ डालकर गाय को दें और दूसरी रोटी को दूध में भिगोकर किसी कुत्ते को खिलाएँ। आपकी पारिवारिक समस्याओं में कमी आएगी।
यह उपाय किसी भी शुक्ल पक्ष के मंगलवार से प्रारम्भ कर सकते हैं। सुबह स्नानादि से निवृत होकर एक कटोरी में सिन्दूर लें और उसमें सरसों का तेल मिलाकर पूजा घर में ले जाएँ और उसके सम्मुख बजरंगबाण के पाँच पाठ करें और फिर उस सिन्दूर से घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएँ। ऐसा प्रत्येक मंगलवार को करें और जो स्वास्तिक पहले बना है उसी पर पुनः सिन्दुर से गहरा करे। आपके सारे परिवार के कष्ट और वास्तु संबंधी परेशानियाँ कुछ समय में ही दूर होने लगेंगी।
यदि आपको अपने मकान के बनने के बाद ऐसा लगता है कि यह आपके व्यवसाय में हानिकारक बन राह है तो रोज रसोई में बैठकर ही भोजन करें और एक आटे का पीड़ा बनाकर उसमें थोडे़ चावल,तिल, उड़द व मूँग मिलाकर किसी बैल को दें, लाभ होगा। ये सभी पूर्णत- सात्विक और सरल उपाय हैं। ghar-ka-vastudosh