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मानसिक रोग
जिन्हे मानसिक तनाव बना रहता है, उन्हें प्याज का सेवन करना चाहिए । क्योंकि प्याज में मौजूद एक विशेष रसायन मानसिक तनाव कम करने में सहायक है ।
चावल, फिश, बीन्स और अनाज में डग्बीफ विटामिन होता है, जो दिमागी बीमारियों और डिप्रेशन को दूर रखने में सहायक है ।
हरी पत्तेवाली सब्जियों, गेहूं, सोयाबीन, मूंगफली, आम और केले में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है । जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने में सहायता करती है ।
दो पके मीठे सेव बिना छीले प्रातः खाली पेट चबा-चबाकर खाने से गुस्सा शांत होता है व तनाव से भी राहत मिलती है । पन्द्रह दिन लगातार खायें ।
आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन प्रातःकाल खायें । और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें । क्रोध आना बन्द होगा व मानसिक शान्ति मिलती है ।
मिर्गी
रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से मिर्गी रोग में लाभ होता है ।
लहसुन की 4-5 कलियों को दूध में पकाकर रोज लेने से यह रोग दूर हो जाता है ।
आधा किलो अंगूर का रस सुबह खाली पेट पीने से फायदा होता है, यह प्रयोग कम से कम 6 माह तक करें ।
बेहोशी की हालत में प्याज या जूता ने सुंघाएं, बल्कि लहसुन को पीसकर सुंघाने व लहसुन का रस नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है ।
मिट्टी को पानी में गीला करके पूरे शरीर पर लगाएं और 1 घंटे बाद स्नान करें, इससे दौरों में कमी आती है ।
नींबू के रस में अरीठे को घीसकर उसका नस्य लेने से फायदा होता है ।
करौंदे के 5पत्तों को पीसकर 10ग्राम दही में मिलाकर सुबह-शाम खाने से मिर्गी रोग से मुक्ति मिलती है ।
स्मरणशक्ति कमजोर होना
7 बादम रात भर पानी में भिगोएं सुबह पीसकर पेस्ट बना लें, फिर दूध में मिलाकर उबाल कर पींए, ऐसा करीब 30 दिनों तक करें ।
20 ग्राम अखरोट 10 ग्राम किशमिश या अंजीर के साथ खाएं ।
फलों में सेब, अंगुर, अंजीर, खजूर व संतरा का भरपूर मात्रा में सेवन करें ।
रोज हर्ब की बनी चाय दिन में दो बार पीएं ।
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