बुराईयों का दुखद परिणाम
एक लघु कहानी
आज जिस प्रेरक प्रसंग prerak-prasang-in-hindi-1 की बात कर रहें । वह है बुराईयों का दुखद परिणाम ।
उस समय की बात जब रावण मरा हुआ युद्धभूमि में पड़ा था । उसके मृत शरीर को देखने लक्ष्मण जी गये और लोटकर आने पर उन्होंने बताया की रावण में छलनी की तरह असंख्य छिद्र हो रहे हैं । दल के वानरों में जब लक्ष्मण से पुछा की इतने छेद क्यों हुए, तो लक्ष्मण इतना ही कह सके की राम के तीरों की वर्षा से ही हुआ होगा ।
तब वे सब प्रभु रामचन्द्रजी के पास गये । रामजी उनका प्रश्न सुनकर मुस्कराये । उन्होनें कहा, ‘‘तीरों ने नहीं, रावण की बुराईयों ने उसके शरीर को छेदा है और वह महाबलशाली योद्धा अपने पापों के फलस्वरूप मरा है । हे लक्ष्मण ! न शस्त्र किसी को मारते हैं, न शत्रु । मनुष्य स्वयं अपनी बुराईयों से जर्जर होता रहता है और पाप का घड़ा भर जाने पर स्वयं ही नष्ट-भ्रष्ट हो जाता है ।’’
इसलिए बड़े विद्यवान, ज्ञानी सन्त कहा करते हैं की हमेशा अच्छे कार्य व समाज की भलाई के कार्य करना चाहीये जिससे आपका अपना जीवन व अपने परिवार के जीवन को सुखमय व्यतित कर सके । prerak-prasang-in-hindi-1