suvichar आज का विचार suvichar-in-hindi-22 वक्त और अध्यापक दोनों हमें सिखाते हैं । पर दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि……… अध्यापक सिखा कर परीक्षा लेते हैं और वक्त परीक्षा ले कर सिखाता है । suvichar-in-hindi-22
suvichar आज का विचार suvichar-in-hindi-22 वक्त और अध्यापक दोनों हमें सिखाते हैं । पर दोनों में फर्क सिर्फ इतना है कि……… अध्यापक सिखा कर परीक्षा लेते हैं और वक्त परीक्षा ले कर सिखाता है । suvichar-in-hindi-22
सौन्दर्य का घमण्ड एक लघु कहानी prerak-prasang-aaj-ke-vichar-9 आज जिस प्रेरक प्रसंग की बात कर रहें । वह है सौन्दर्य का घमण्ड । एक बार सम्राट चन्द्रगुप्त चाणक्य से किसी बात पर चर्चा कर रहे थे कि अकस्मात् चन्द्रगुप्त ने चाणक्य से कहा । ‘‘आपकी विद्धता, सूझबूझ और चातुर्य की मैं दाद देता हूं । मगर क्या ही अच्छा होता, यदि …
धन का लोभ एक लघु कहानी आज जिस प्रेरक प्रसंग prerak-prasang-aaj-ke-vichar-8 की बात कर रहें । वह है धन का लोभ । एक बार गुरू नानक बगदाद गये हुए थे । वहाँ का शासक बड़ा ही अत्याचारी था । वह जनता को कष्ट दे-देकर उनकी सम्पत्ति को लूटकर अपने खजाने में जमा किया करता था । उसे जब मालूम हुआ …
राज्य की सीमा एक लघु कहानी prerak-prasang-aaj-ke-baat-7 आज जिस प्रेरक प्रसंग की बात कर रहें । वह है राज्य की सीमा । एक बार एक ब्राह्मण से कोई अपराध हुआ और महाराज जनक ने उसे अपने राज्य से निष्कासित होने का दण्ड दिया । ब्राह्मण ने पुछा, महाराज ! मुझे आप यह बता दें कि आपका राज्य कहाँ तक है, …
एक लघु कहानी जाको रखे साईंया मार सके ना कोई prerak-prasang-in-hindi-6 महाराष्ट्र सन्त राँका कुम्हार ने नित्य के समान पहले दिन तैयार किये घड़ो को आवें पर रखा | किन्तु एक घड़े में रात्रि को उनकी पालतू बिल्ली ने बच्चे जने थे | और इस बात से राँका अनभिज्ञ थे । दोपहर को जब बिल्ली वाहँ आयी, तो वह आवें …
परीक्षा एक लघु कहानी prerak-prasang-aaj-ka-vichar-5 एक बार गुरू नानक मुलतान शहर पहुँचे । वहाँ के पीरों-फकीरों ने उनकी परीक्षा लेनी चाही कि यह व्यक्ति कोई देवपुरूष है या ढोंगी ? उस शहर में करामाती पीरों-फकीरों और पहुँचे हुए लोगों का जमघट था । उन्होनें नानकदेव के पास दूध से लबालब भरा एक कटोरा भेजा । इसका अभिप्राय यह है कि …
स्वर्ग और नरक का द्वार एक लघु कहानी आज जिस प्रेरक प्रसंग प्रेरक प्रसंग prerak-prasang-aaj-ka-vichar-4 की बात कर रहें । वह है स्वर्ग और नरक का द्वार । एक बार जापान के सन्त हाकुइन के पास एक सैनिक आया और उसने प्रश्न किया, महाराज ! स्वर्ग और नरक अस्तित्व में है या केवल उनका हौवा बना दिया गया है ? …
मेरा अपना कुछ नहीं एक लघु कहानी आज जिस प्रेरक प्रसंग prerak-prasang-aaj-ka-vichar-3 की बात कर रहें । वह है मेरा अपना कुछ नहीं । पारसी धर्मगुरु रवि मेहर के तीन पुत्र थे । वे तीनों के तीनों महामारी की चपेट में आ गये और अच्छी दवा के अभाव में जीवित न रह सके । मेहर उस समय बाहर गये हुए …
प्रभु का सच्चा सेवक एक लघु कहानी आज जिस प्रेरक प्रसंग prerak-prasang-2-2 की बात कर रहें । वह है प्रभु का सच्चा सेवक । एक बार सीता माता ने हनुमानजी की निष्काम सेवा से प्रसन्न हो उन्हें अपने गले का हीरों का हार इनाम में दिया । हनुमानजी उस हार को लेकर एक तरफ गये और हार में से एक-एक …
बुराईयों का दुखद परिणाम एक लघु कहानी आज जिस प्रेरक प्रसंग prerak-prasang-in-hindi-1 की बात कर रहें । वह है बुराईयों का दुखद परिणाम । उस समय की बात जब रावण मरा हुआ युद्धभूमि में पड़ा था । उसके मृत शरीर को देखने लक्ष्मण जी गये और लोटकर आने पर उन्होंने बताया की रावण में छलनी की तरह असंख्य छिद्र हो …
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